एनपीआरसी चौरा बागेश्वर: 'सपनों की उड़ान' कार्यक्रम में बच्चों ने भरी 'मेधा की उड़ान'

सपनों की उड़ान  कार्यक्रम 2024-2025 का आयोजन एनपीआरसी चौरा में किया गया. जिसमे प्राथमिक एवम उच्च प्राथमिक स्कूलों ने प्रतिभाग किया. इस कार्यक्रम के तहत सुलेख हिंदी, अंग्रेजी, सपनों के चित्र, पारंपरिक परिधान, लोकनृत्य, कविता पाठ,कुर्सी दौड़ इत्यादि का आयोजन संपन्न हुआ. सपनों के चित्र, सुलेख हिंदी  प्रतियोगिता में प्रथम स्थान जीवन कुमार ( राजकीय प्राथमिक विद्यालय तल्लाभैरू ) द्वारा प्राप्त किया गया. इसी विद्यालय की छात्रा दीक्षा ने सुलेख अंग्रेजी में प्रथम स्थान प्राप्त किया. कुर्सी दौड़ में राजकीय प्राथमिक विद्यालय चौरा के छात्र रोहित ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. सपनों के चित्र प्रतियोगित में उच्च प्राथमिक स्तर पर भैरू चौबट्टा के छात्र करण नाथ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. इसी विद्यालय की छात्रा पूजा  ने सुलेख हिंदी में प्रथम स्थान प्राप्त किया. इस कार्यक्रम में ममता नेगी, भास्करा नंद ,जयंती, कुलदीप सिंह , मुन्नी ओली, सोहित वर्मा , विनीता सोनी, सुनीता जोशी, अनिल कुमार, संगीता नेगी आदि शिक्षक शामिल हुए.

उत्तराखंड : बागेश्वर की जनता और विधायक चन्दन राम दास का 'ड्रीम प्रोजेक्ट' पूरा

".. मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है.इसके लिए मैंने शासन स्तर पर काफी प्रयास किये और काफी कम समय में ही बजट आवंटित करवाया साथ ही निर्माणाकार्य भी लगभग पूरा होने को है.बागेश्वर के विकास के लिए हमेशा तत्परता से काम किया है ,शेष कार्यों को भी जल्द पूरा करवाया जाएगा,विकासकार्यों में किसी भी तरह की हीलाहवाली का सवाल ही नहीं"


बागेश्वर की जनता के लिए खुशखबरी है. यह ख़ुशी  का पल जिले की जनता के लिए तक़रीबन 22 साल बाद आया है. अविभाजित उप्र में 1997 में बागेश्वर जिले का गठन हुआ। जनपद बनने के बाद से ही बागेश्वर में रोडवेज डिपो बनाने की मांग की जाती रही थी ।
शासन ने रोडवेज के लिए मंजूरी दे दी लेकिन निर्माण कछुवा गति से चल रहा था। लेकिन स्थानीय विधायक ने तेजी दिखाते हुए नयी सरकार के गठन के बाद ही अधूरे निर्माण कार्य के जल्द ही पूरा होने की उम्मीद जगाई है. भवन का रंग रोगन, खिड़की दरवाजा कार्य, कोटा स्टोन पत्थर, पेयजल व सीवर लाइन, बस स्टॉपेज के लिए इंटर लॉकिंग टाइल्स, स्टॉपर का काम  तेजी से हो रहा है।.
तकरीबन तीन करोड़ की लागत से रोडवेज  का निर्माण कार्य पूरा होगा.रोडवेज बनने के बाद यहां डिपो भी बन जाएगा। फिर जिले में बागेश्वर डिपो की बसें दौड़ती दिखाई देंगी। परिवहन अधिकारियों की माने तो बागेश्वर डिपो से दिल्ली, हल्द्वानी, देहरादून, हरिद्वार, उप्र, हरियाणा की लिए बसें संचालित होंगी। 
अभी तक कस्बाई इलाकों में रोडवेज बस सेवा अभी शुरू तक नहीं हो सकी है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं, लोग भी प्राइवेट टेक्सियों में यात्रा करने को मजबूर हैं।  रोडवेज डिपो तैयार होते ही जनता को जहाँ राहत मिल जायेगी वहीँ सरकार को भी राजस्व मिलेगा.
अभी तक अल्मोड़ा, भवाली, काठगोदाम, पिथौरागढ़ डिपो की यहां एक-एक बसें लंबे समय से चल रही हैं, लेकिन धरमघर, भराड़ी, शामा आदि जाने वाले बसें अनियमित हैं। इससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।लेकिन  रोडवेज डिपो के लिए 22 साल का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। जनपद की जनता के लिए यह काफी राहत भरी खबर है.
स्थानीय विधायक चन्दन राम दास का कहना है " यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है.इसके लिए मैंने शासन स्तर पर काफी प्रयास किये और काफी कम समय में ही बजट आवंटित करवाया साथ ही निर्माणाकार्य भी लगभग पूरा होने को है.बागेश्वर के विकास के लिए हमेशा तत्परता से काम किया है ,शेष कार्यों को भी जल्द पूरा करवाया जाएगा,विकासकार्यों में किसी भी तरह की हीलाहवाली का सवाल ही नहीं"