Dr. Rashmi Singh : एडीएचडी (ADHD) शिशु के लिए समस्या भी है और वरदान भी

  ADHD एक मनोवैज्ञानिक समस्या है.अक्सर यह बच्चों में देखी जाती है लेकिन जागरूकता के अभाव में इसे अनदेखा कर दिया जाता है. क्या आपके बच्चे को किसी काम में ध्यान लगाने में कठिनाई महसूस होती है? क्या उसे एक ही जगह पर टिक के रहने में परेशानी होती है? क्या उसके व्यव्हार में असावधानी, हाइपरएक्टविटी और आवेग शामिल हैं। यदि उसे यह समस्याएं हैं और आपको लगता है कि यह उसके दैनिक जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही हैं, तो यह Attention deficit hyperactivity disorder (ADHD) का संकेत हो सकता है। लेकिन थोड़े समझ के साथ आप एडीएचडी (ADHD) से पीड़ित बच्चों को व्याहारिक तौर पे बेहतर बना सकते हैं।एडीएचडी (ADHD) शिशु के लिए समस्या भी है और वरदान भी। एडीएचडी (ADHD) बच्चे में उर्जा का भंडार होता है। यही वजह है की वे अपनी उर्जा को किसी एक दिशा में केन्द्रित नहीं कर पाते हैं। मगर, सही मार्गदर्शन में एडीएचडी (ADHD) से पीड़ित बच्चा अपने जीवन में बहुत अधिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।आप को ताजुब होगा यह जान कर के की बहुत से ख्याति प्राप्त और अत्याधिक सफल उधमी कभी बचपन में एडीएचडी (ADHD) से पीड़ित थे। Attention defic

उत्तराखंड : बागेश्वर की जनता और विधायक चन्दन राम दास का 'ड्रीम प्रोजेक्ट' पूरा

".. मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है.इसके लिए मैंने शासन स्तर पर काफी प्रयास किये और काफी कम समय में ही बजट आवंटित करवाया साथ ही निर्माणाकार्य भी लगभग पूरा होने को है.बागेश्वर के विकास के लिए हमेशा तत्परता से काम किया है ,शेष कार्यों को भी जल्द पूरा करवाया जाएगा,विकासकार्यों में किसी भी तरह की हीलाहवाली का सवाल ही नहीं"


बागेश्वर की जनता के लिए खुशखबरी है. यह ख़ुशी  का पल जिले की जनता के लिए तक़रीबन 22 साल बाद आया है. अविभाजित उप्र में 1997 में बागेश्वर जिले का गठन हुआ। जनपद बनने के बाद से ही बागेश्वर में रोडवेज डिपो बनाने की मांग की जाती रही थी ।
शासन ने रोडवेज के लिए मंजूरी दे दी लेकिन निर्माण कछुवा गति से चल रहा था। लेकिन स्थानीय विधायक ने तेजी दिखाते हुए नयी सरकार के गठन के बाद ही अधूरे निर्माण कार्य के जल्द ही पूरा होने की उम्मीद जगाई है. भवन का रंग रोगन, खिड़की दरवाजा कार्य, कोटा स्टोन पत्थर, पेयजल व सीवर लाइन, बस स्टॉपेज के लिए इंटर लॉकिंग टाइल्स, स्टॉपर का काम  तेजी से हो रहा है।.
तकरीबन तीन करोड़ की लागत से रोडवेज  का निर्माण कार्य पूरा होगा.रोडवेज बनने के बाद यहां डिपो भी बन जाएगा। फिर जिले में बागेश्वर डिपो की बसें दौड़ती दिखाई देंगी। परिवहन अधिकारियों की माने तो बागेश्वर डिपो से दिल्ली, हल्द्वानी, देहरादून, हरिद्वार, उप्र, हरियाणा की लिए बसें संचालित होंगी। 
अभी तक कस्बाई इलाकों में रोडवेज बस सेवा अभी शुरू तक नहीं हो सकी है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं, लोग भी प्राइवेट टेक्सियों में यात्रा करने को मजबूर हैं।  रोडवेज डिपो तैयार होते ही जनता को जहाँ राहत मिल जायेगी वहीँ सरकार को भी राजस्व मिलेगा.
अभी तक अल्मोड़ा, भवाली, काठगोदाम, पिथौरागढ़ डिपो की यहां एक-एक बसें लंबे समय से चल रही हैं, लेकिन धरमघर, भराड़ी, शामा आदि जाने वाले बसें अनियमित हैं। इससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।लेकिन  रोडवेज डिपो के लिए 22 साल का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। जनपद की जनता के लिए यह काफी राहत भरी खबर है.
स्थानीय विधायक चन्दन राम दास का कहना है " यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है.इसके लिए मैंने शासन स्तर पर काफी प्रयास किये और काफी कम समय में ही बजट आवंटित करवाया साथ ही निर्माणाकार्य भी लगभग पूरा होने को है.बागेश्वर के विकास के लिए हमेशा तत्परता से काम किया है ,शेष कार्यों को भी जल्द पूरा करवाया जाएगा,विकासकार्यों में किसी भी तरह की हीलाहवाली का सवाल ही नहीं"