Dr. Rashmi Singh : एडीएचडी (ADHD) शिशु के लिए समस्या भी है और वरदान भी

  ADHD एक मनोवैज्ञानिक समस्या है.अक्सर यह बच्चों में देखी जाती है लेकिन जागरूकता के अभाव में इसे अनदेखा कर दिया जाता है. क्या आपके बच्चे को किसी काम में ध्यान लगाने में कठिनाई महसूस होती है? क्या उसे एक ही जगह पर टिक के रहने में परेशानी होती है? क्या उसके व्यव्हार में असावधानी, हाइपरएक्टविटी और आवेग शामिल हैं। यदि उसे यह समस्याएं हैं और आपको लगता है कि यह उसके दैनिक जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही हैं, तो यह Attention deficit hyperactivity disorder (ADHD) का संकेत हो सकता है। लेकिन थोड़े समझ के साथ आप एडीएचडी (ADHD) से पीड़ित बच्चों को व्याहारिक तौर पे बेहतर बना सकते हैं।एडीएचडी (ADHD) शिशु के लिए समस्या भी है और वरदान भी। एडीएचडी (ADHD) बच्चे में उर्जा का भंडार होता है। यही वजह है की वे अपनी उर्जा को किसी एक दिशा में केन्द्रित नहीं कर पाते हैं। मगर, सही मार्गदर्शन में एडीएचडी (ADHD) से पीड़ित बच्चा अपने जीवन में बहुत अधिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।आप को ताजुब होगा यह जान कर के की बहुत से ख्याति प्राप्त और अत्याधिक सफल उधमी कभी बचपन में एडीएचडी (ADHD) से पीड़ित थे। Attention defic

नीलकंठ हॉस्पिटल हल्द्वानी : 13 वर्षीय अरमान के फेफड़ों से इमली का बीज निकाला


मास्टर अरमान को नयी जिंदगी मिली है.13 वर्षीय अरमान विगत दो माह से जिंदगी और मौत से लड़ रहें थे,अरमान के फेफड़ो में  इमली का बीज फंस गया था.कई जगह इलाज के बाद भी बीज को कोई निकाल नहीं सका.लेकिन नीलकंठ हॉस्पिटल के डॉक्टर गौरव सिंघल ने 'ब्रोनोस्कोपी' दूरबीन विधि द्वारा फेफड़े की जांच कर इमली की बीज को निकाला.काफी मशक्कत के बाद  13 वर्षीय अरमान को नयी जिंदगी मिली.अरमान अब पूरे तरीके से स्वस्थ्य है.





डॉक्टर गौरव सिंघल ने बताया कि इस से पूर्व वह कई लोगों के नीडल,मीट का पीस,आयुर्वेदिक टेबलेट जैसी चीजे कड़ी मशक्कत के बाद निकाल चुके है.कई लोगों को नयी जिंदगी मिली है.साथ ही उन्होंने कहा कि माता-पिता को छोटे बच्चो पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए.बच्चो पर नजर रखनी चाहिए कहीं वो कोई चीज मुंह में डाल रहें हो.बच्चों की इस तरह की आदत पडने से पूर्व ही सुधार करना चाहिए.