Dr. Rashmi Singh : एडीएचडी (ADHD) शिशु के लिए समस्या भी है और वरदान भी

  ADHD एक मनोवैज्ञानिक समस्या है.अक्सर यह बच्चों में देखी जाती है लेकिन जागरूकता के अभाव में इसे अनदेखा कर दिया जाता है. क्या आपके बच्चे को किसी काम में ध्यान लगाने में कठिनाई महसूस होती है? क्या उसे एक ही जगह पर टिक के रहने में परेशानी होती है? क्या उसके व्यव्हार में असावधानी, हाइपरएक्टविटी और आवेग शामिल हैं। यदि उसे यह समस्याएं हैं और आपको लगता है कि यह उसके दैनिक जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही हैं, तो यह Attention deficit hyperactivity disorder (ADHD) का संकेत हो सकता है। लेकिन थोड़े समझ के साथ आप एडीएचडी (ADHD) से पीड़ित बच्चों को व्याहारिक तौर पे बेहतर बना सकते हैं।एडीएचडी (ADHD) शिशु के लिए समस्या भी है और वरदान भी। एडीएचडी (ADHD) बच्चे में उर्जा का भंडार होता है। यही वजह है की वे अपनी उर्जा को किसी एक दिशा में केन्द्रित नहीं कर पाते हैं। मगर, सही मार्गदर्शन में एडीएचडी (ADHD) से पीड़ित बच्चा अपने जीवन में बहुत अधिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।आप को ताजुब होगा यह जान कर के की बहुत से ख्याति प्राप्त और अत्याधिक सफल उधमी कभी बचपन में एडीएचडी (ADHD) से पीड़ित थे। Attention defic

डॉ दानिश खान वैलनैस क्लिनिक हल्द्वानी : स्लिप डिस्क,साइटिका का बगैर आपरेशन के भी इलाज संभव

साइटिका क्या है कारण, लक्षण, इलाज और बचाव – sciatica causes, symptoms and treatment 
आज आप जानेंगे साइटिका क्या है?, इसकी पहचान, साइटिका के लक्षण, साइटिका होने के कारण और साइटिका का इलाज क्या है .साइटिका साइटिक तंत्रिका (sciatic nerve) में एक प्रकार का दर्द है जो पीठ से होते हुए कूल्हों, नितंबों और पैर के निचले हिस्से को प्रभावित करती है। आमतौर पर साइटिका शरीर के सिर्फ एक तरफ के भाग को ज्यादा प्रभावित करती है। रीढ़ की हड्डी (spine) जब संकरी हो जाती है तो तंत्रिकाओं में अधिक दबाव पड़ने लगता है जिसके कारण इसमें सूजन और दर्द होता है एवं पैरों में सुन्नता महसूस होने लगती है।
साइटिका का दर्द बहुत गंभीर भी हो सकता है और कुछ मामलों में तो जल्दी इलाज कराने की भी आवश्यकता पड़ती है। जिन व्यक्तियों में साइटिका के कारण पैर कमजोर हो गए हों या आंत और ब्लैडर में परिवर्तन महसूस हो उन्हें सर्जरी कराने की जरूरत पड़ती है।
साइटिका के लक्षण – Symptoms of Sciatica 
साइटिका के मुख्य लक्षण निम्न हैं
कमर में दर्द
पैर के पिछले हिस्से में दर्द होना और बैठने के बाद दर्द गंभीर हो जाना
कूल्हों में दर्द
पैरों में जलन या झुनझुनी का अनुभव
पैर को हिलाने-डुलाने में परेशानी, कमजोरी और सुन्नता का अनुभव
पैर के पिछले भाग में सिर्फ एक तरफ दर्द होना
तीव्र पीड़ा होना और उठने में परेशानी होना
साइटिका आमतौर पर शरीर के निचले भाग के सिर्फ एक हिस्से को प्रभावित करता है। साइटिका का दर्द कमर से पैर के जांघों और पैर के निचले हिस्सों में पहुंचता है। इस बीमारी की गंभीरता इस बात पर भी निर्भर करती है कि साइटिक तंत्रिका (sciatic nerve) कितना प्रभावित हुई है। इसके अलावा यह दर्द पैर की उंगलियों तक भी पहुंच सकता है।
साइटिका होने के कारण – Causes of sciatica
साइटिका की बीमारी तब होती है जब तंत्रिका सूख हो जाती है और रीढ़ की हड्डी खिसक जाती है या इसमें चोट लग जाती है। इसके अलावा कशेरूक (vertebrae) में हड्डी अधिक बढ़ जाने के कारण भी यह बीमारी उत्पन्न हो जाती है। कभी-कभी तंत्रिका ट्यूमर के कारण सिकुड़ जाती है या डायबिटीज (Diabetes) जैसी बीमारी के कारण क्षतिग्रस्त हो जाती है, जो साइटिका जैसी बीमारी को जन्म देती है।
साइटिका होने के अन्य कारण इस प्रकार हैं – 
लंबर स्पाइनल स्टेनोसिस – पीठ के निचले हिस्से (lower back) की रीढ़ की हड्डी संकरी हो जाती है। इस कारण साइटिका की समस्या पैदा हो जाती है।
स्पॉनडिलोलिस्थेसिस (spondylolisthesis) – एक ऐसी समस्या जिसमें डिस्क स्लिप नीचे से कशेरूकाओं के आगे निकल जाती हैं।
रीढ़ के भीतर ट्यूमर होना – यह तंत्रिका में साइटिका का कारण होता है।
संक्रमण (infection) – यह आमतौर पर रीढ़ को प्रभावित करता है।
कौडा एक्विना सिंड्रोम (Cauda equina syndrome) – साइटिका की यह सबसे गंभीर स्थिति है, हालांकि अमूमन यह जल्दी होता नहीं है लेकिन यह रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से की तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। इसके लिए तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण भी यह रोग उत्पन्न हो सकता है।
जोखिम – Risk factors for sciatica
उम्र के साथ रीढ़ के हड्डी में भी परिवर्तन होता रहता है। उम्र बढ़ने पर रीढ़ की हड्डी (spine bone) खिसक सकती है या हड्डी में गांठ बन सकती है। यह साइटिका होने का मुख्य कारण होता है।
मोटापा बढ़ने के कारण रीढ़ की हड्डी में तनाव बढ़ जाता है। इसके अलावा शरीर का वजन अधिक बढ़ जाने के कारण भी रीढ़ में परिवर्तन होता है और इस कारण साइटिका (sciatica) होना सामान्य बात है।
पीठ पर अधिक भार रखकर ढो़ना, लंबे समय तक गाड़ी चलाना या अधिक देर तक एक ही जगह बैठकर काम करते रहने से भी साइटिका की बीमारी हो सकती है।
डायबिटीज सी समस्या के कारण साइटिका होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है क्योंकि यह शरीर के उस हिस्से को प्रभावित करता है जहां से शरीर ब्लड शुगर का उपयोग करता है। इससे तंत्रिका के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है।