एनपीआरसी चौरा बागेश्वर: 'सपनों की उड़ान' कार्यक्रम में बच्चों ने भरी 'मेधा की उड़ान'

सपनों की उड़ान  कार्यक्रम 2024-2025 का आयोजन एनपीआरसी चौरा में किया गया. जिसमे प्राथमिक एवम उच्च प्राथमिक स्कूलों ने प्रतिभाग किया. इस कार्यक्रम के तहत सुलेख हिंदी, अंग्रेजी, सपनों के चित्र, पारंपरिक परिधान, लोकनृत्य, कविता पाठ,कुर्सी दौड़ इत्यादि का आयोजन संपन्न हुआ. सपनों के चित्र, सुलेख हिंदी  प्रतियोगिता में प्रथम स्थान जीवन कुमार ( राजकीय प्राथमिक विद्यालय तल्लाभैरू ) द्वारा प्राप्त किया गया. इसी विद्यालय की छात्रा दीक्षा ने सुलेख अंग्रेजी में प्रथम स्थान प्राप्त किया. कुर्सी दौड़ में राजकीय प्राथमिक विद्यालय चौरा के छात्र रोहित ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. सपनों के चित्र प्रतियोगित में उच्च प्राथमिक स्तर पर भैरू चौबट्टा के छात्र करण नाथ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. इसी विद्यालय की छात्रा पूजा  ने सुलेख हिंदी में प्रथम स्थान प्राप्त किया. इस कार्यक्रम में ममता नेगी, भास्करा नंद ,जयंती, कुलदीप सिंह , मुन्नी ओली, सोहित वर्मा , विनीता सोनी, सुनीता जोशी, अनिल कुमार, संगीता नेगी आदि शिक्षक शामिल हुए.

उत्तराखंड : पिछले आठ सालों में राज्य में कैंसर के मामले दोगुने से ज़्यादा


   पिछले आठ सालों में राज्य में कैंसर के मामले दोगुने से ज़्यादा हो गए हैं   लेकिन कैंसर इंस्टीट्यूट बनाने में इतनी गंभीरता नहीं दिखाई दे रही. चिंता  की बात यह भी है कि उत्तराखंड में कैंसर के मामले पूरे देश में सबसे  ज़्यादा तेज़ी से बढ़ रहे हैं.
 इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर की एक  रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में कैंसर रोगियों की संख्या पूरे देश के मुकाबले ज्यादा तेजी के बढ़ रही है. इसके बावजूद कैंसर इंस्टीट्यूट बनाने में सरकारें गंभीर नहीं लग रही हैं
पूरे देश में जहां कैंसर रोगी सालाना 9.2 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं तो उत्तराखंड में यह आंकड़ा 10.15 फीसदी है. आईसीएमआर की रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड में सबसे ज्यादा रोगी ओरल और लंग कैंसर से जूझ रहे हैं.कुल कैंसर रोगियों में से 28.79 फीसदी मरीज ओरल और लंग कैंसर के हैं.डरावनी बात ये है कि साल 2014 में रोगियों की संख्या 11 हज़ार थी, जो
साल 2019 आते-आते 16 हजार को पार कर गई है. 2010 में जब इंस्टीट्यूट में कैंसर डिपार्टमेंट शुरू किया गया था तब कैंसर रोगियों की संख्या 2800 से 3000 प्रतिवर्ष तक होती थी. लेकिन अब हर साल इंस्टीट्यूट में 7000 से 8000 मरीज़ इलाज के लिए आ रहे हैं.
देश के पहाड़ी राज्यों में धूम्रपान से कैंसर लोगों को तेजी के साथ जकड़ता जा रहा है। जम्मू कश्मीर, हिमाचल के साथ ही उत्तराखंड में कैंसर के मरीजों में तेज वृद्धि हो रही है। इन सभी राज्यों में मुंह और गले के कैंसर के मरीज सबसे ज्यादा चिह्नित हो रहे हैं।