एनपीआरसी चौरा बागेश्वर: 'सपनों की उड़ान' कार्यक्रम में बच्चों ने भरी 'मेधा की उड़ान'

सपनों की उड़ान  कार्यक्रम 2024-2025 का आयोजन एनपीआरसी चौरा में किया गया. जिसमे प्राथमिक एवम उच्च प्राथमिक स्कूलों ने प्रतिभाग किया. इस कार्यक्रम के तहत सुलेख हिंदी, अंग्रेजी, सपनों के चित्र, पारंपरिक परिधान, लोकनृत्य, कविता पाठ,कुर्सी दौड़ इत्यादि का आयोजन संपन्न हुआ. सपनों के चित्र, सुलेख हिंदी  प्रतियोगिता में प्रथम स्थान जीवन कुमार ( राजकीय प्राथमिक विद्यालय तल्लाभैरू ) द्वारा प्राप्त किया गया. इसी विद्यालय की छात्रा दीक्षा ने सुलेख अंग्रेजी में प्रथम स्थान प्राप्त किया. कुर्सी दौड़ में राजकीय प्राथमिक विद्यालय चौरा के छात्र रोहित ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. सपनों के चित्र प्रतियोगित में उच्च प्राथमिक स्तर पर भैरू चौबट्टा के छात्र करण नाथ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. इसी विद्यालय की छात्रा पूजा  ने सुलेख हिंदी में प्रथम स्थान प्राप्त किया. इस कार्यक्रम में ममता नेगी, भास्करा नंद ,जयंती, कुलदीप सिंह , मुन्नी ओली, सोहित वर्मा , विनीता सोनी, सुनीता जोशी, अनिल कुमार, संगीता नेगी आदि शिक्षक शामिल हुए.

बागेश्वर : चन्दन राम दास को मंत्री बना कर कुमाऊँ मण्डल को मजबूत करेगी भाजपा !

बागेश्वर विधानसभा से चन्दन राम दास को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने के बाबत कार्यकर्ताओं ने बैठक की. असल में चन्दन राम दास बागेश्वर से विधानसभा से लगातार तीन बार से विधायक है.लोकप्रियता एवं जनकल्याणपरक कार्यों के लिहाज से उनकी पूरे प्रदेश में शानदार छवि है. तीन दशकों के राजनीतिक सफ़र में उनकी जनलोकप्रिय एवं छवि साफ़ सुथरी रही है.पूर्ण रूप से आरोप रहित उनकी छवि रही है.दो दशकों से राजनीतिक रसूख  उनके शानदार राजनीतिक जीवन को प्रभावित नहीं कर सका.उनकी जनसंघर्षों एवं धरातीय जन नेता की छवि कायम है.अफसोसजनक पहलू यह है कि चन्दन राम दास की जनकल्याणकारी सोच का फायदा न बागेश्वर जनपद को मिल सका है. न ही पार्टी को. आज भाजपा में ऐसे लोगों का कब्ज़ा हो गया है जो आया राम - गया राम की राजनीति में मशगूल है.जिनका राजनीतिक शुचितावादीता पूर्ण रूप से शून्य साबित हो चुकी है.जबकि भाजपा पार्टी के ही समर्पित जनों की अनदेखी का शिकार होना पड़ रहा है. चन्दन राम दास और बागेश्वर विधानसभा इसकी बानगी है.दूसरी तरफ कांग्रेस के दल बदल कर आये लोगों को प्रथम प्राथमिकता मिल रही है.यशपाल आर्य एवं उनके पुत्र संजीव कांग्रेस से भाजपा में पिछलें विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा ज्वाइन कर ली.और भाजपा सरकार में मंत्री बन कर. समर्पित भाजपा नेताओं के प्रथम नैतिक अधिकार पर कब्ज़ा कर लिया. इस तरह की राजनीति से समर्पित भाजपा नेताओं के लिए पार्टी में भविष्य संदेहयुक्त हो चला है.निष्ठावान कार्यकर्ताओं में आज "शंका" और संदेह के बादल है.एक तरफ कांग्रेस अपने दलित चेहरों को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित करने का प्रयास कर रही है.लेकिन भाजपा दो तीन दशकों से पार्टी की सेवा भाव और निष्ठां का प्रतिफल मिलना संदेहयुक्त हो गया है.तीन बार के विधायक भी कब मंत्री बनेंगे.?..या कोई कांग्रेसी मूल का नेता "समर्पित भाजपा नेताओ के प्रथम नैतिक अधिकार को किसी सियासी फ़साने में अँधेरे की तरफ धकेल दिया जाएगा? आखिर भाजपा का समर्पित निष्ठावान जनकल्याणकारी सेवक क्या विकल्प अपना सकता है? उसकी राजनीतिक हैसियत को उचित मुकाम कैसे मिल सकेगा? सारे सवालों के जवाब भविष्य के गर्भ में है.देखना होगा भाजपा हाईकमान क्या फैसला लेता है.