एनपीआरसी चौरा बागेश्वर: 'सपनों की उड़ान' कार्यक्रम में बच्चों ने भरी 'मेधा की उड़ान'

सपनों की उड़ान  कार्यक्रम 2024-2025 का आयोजन एनपीआरसी चौरा में किया गया. जिसमे प्राथमिक एवम उच्च प्राथमिक स्कूलों ने प्रतिभाग किया. इस कार्यक्रम के तहत सुलेख हिंदी, अंग्रेजी, सपनों के चित्र, पारंपरिक परिधान, लोकनृत्य, कविता पाठ,कुर्सी दौड़ इत्यादि का आयोजन संपन्न हुआ. सपनों के चित्र, सुलेख हिंदी  प्रतियोगिता में प्रथम स्थान जीवन कुमार ( राजकीय प्राथमिक विद्यालय तल्लाभैरू ) द्वारा प्राप्त किया गया. इसी विद्यालय की छात्रा दीक्षा ने सुलेख अंग्रेजी में प्रथम स्थान प्राप्त किया. कुर्सी दौड़ में राजकीय प्राथमिक विद्यालय चौरा के छात्र रोहित ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. सपनों के चित्र प्रतियोगित में उच्च प्राथमिक स्तर पर भैरू चौबट्टा के छात्र करण नाथ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. इसी विद्यालय की छात्रा पूजा  ने सुलेख हिंदी में प्रथम स्थान प्राप्त किया. इस कार्यक्रम में ममता नेगी, भास्करा नंद ,जयंती, कुलदीप सिंह , मुन्नी ओली, सोहित वर्मा , विनीता सोनी, सुनीता जोशी, अनिल कुमार, संगीता नेगी आदि शिक्षक शामिल हुए.

DrSkincliniq Haldwani: डॉ अक्षत टम्टा "सफेद दाग" (विटिलिगो) का करेंगे निदान


सफेद दाग त्वचा के रंगद्रव्य के कम होने का अधिग्रहित विकार है जो शरीर के विभिन्न हिस्सों पर सफेद दाग और धब्बों के कारण होता है, जो मेलोसाइट्स के चयनात्मक क्षय को दर्शाता है। यह  स्थिति दुनिया भर में सभी जातियों को प्रभावित करती है। सौन्दर्य-प्रसाधन की विरूपता की वजह से इससे बहुत से तिरस्कार जुड़े हुए हैं। यह स्थिति बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है और रोगी अक्सर मनोवैज्ञानिक संकट और कम आत्म सम्मान से पीड़ित होते हैं । वे कई बार सामाजिक उपेक्षा के शिकार होते हैं जो उन्हें समाज से अलग-थलग कर देता है।अपर्याप्त ज्ञान और उम्र की गलतफहमी इस स्थिति से जुड़ी अनुचित आशंका के प्रमुख कारण हैं। एक गलत धारणा है कि बीमारी संपर्क से फैल सकती है। सफेद दाग रंग गैर-संक्रामक है और संपर्क से नहीं फैलता है। आहार की आदतों को लेकर भी बहुत सारे मिथक बने हुए हैं। 


सफेद दाग के शुरुआती लक्षण क्या है? 
सफेद दाग की पहचान में सबसे शुरुआती लक्षण है, त्वचा का रंग फीका पड़ना और उस जगह पर बाल भी सफेद होना। शरीर पर अगर सफेद दाग हो जाये और उसके बाद कहीं चोट लगे और वो जगह भी सफेद हो जाये तब आपको समझ जाना चाहिए कि ये समस्या तेजी से शरीर में बढ़ रही है।


सफेद के सफेद धब्बे किसकी उपस्थिति के कारण बनते हैं? 
इन सफेद धब्बों के उभरने का सबसे महत्वपूर्ण कारण त्वचा की कोशिकाओं की अनियमितता होती है. ऐसी कोशिकाएं जो मेलनिन प्रोड्यूस करती हैं. मेलनिन की अनियमितता के कारण त्वचा से जुड़ी कई दूसरी समस्याएं भी हो सकती हैं

सफेद रोग क्यों होता है? जब आपके शरीर में मेलेनोसाइट्स मरने लगते हैं, तब इससे आपकी त्वचा पर कई सफेद धब्बे बनने शुरू होते हैं. इस स्थिति को सफेद कुष्ठ रोग भी कहा जाता है. यह आमतौर पर शरीर के उन हिस्सों जो कि सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में आते हैं, चेहरे, हाथों और कलाई के क्षेत्र इससे ज्यादा प्रभावित होते है.